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इंद्रधनुष / श्रीप्रसाद
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बरस-बरस बादल बिखरा है
आसमान धुलकर निखरा है
किरणें खिल-खिल झाँक रही हैं
अपनी शोभा आँक रही हैं
धरती के छोरों तक मिलता
आसमान के ऊपर खिलता
रंग हरा, नारंगी, पीला
लाल, बैंगनी, नीला-नीला
आसमान का रंग मिला फिर
इंद्रधनुष सतरंग खिला फिर
बूँदें जब झरती हों झर-झर
किरणें उतर रही हों सर-सर
बूँदों से जब किरणें मिलतीं
इंद्रधनुष बन करके खिलतीं।