भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इंसां को समझाए कौन / विजय वाते

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जलती आग बुझाए कौन
अपने हाँथ जलाए कौन

दिल की तरह वो जिद्दी है
अब उसको समझाए कौन

ये भी खुदा है वो भी खुदा
किसके नाज़ उठाये कौन

दुनिया आनी जानी है
इंसां को समझाए कौन