इक आलम बेबसी का है, क्या देखें
फुकदान सा रौशनी का है क्या देखें
अपना ही अता पता नहीं कुछ इसको
रोना यही ज़िन्दगी का है, क्या देखें।
इक आलम बेबसी का है, क्या देखें
फुकदान सा रौशनी का है क्या देखें
अपना ही अता पता नहीं कुछ इसको
रोना यही ज़िन्दगी का है, क्या देखें।