इक बार गले से उनके लगकर रो ले
जाने को खड़े हैं उनसे क्या बोले
जज़्बात से घुट के रह गई है आवाज़
किस तरह से आँसुओं के फंदे खोले
इक बार गले से उनके लगकर रो ले
जाने को खड़े हैं उनसे क्या बोले
जज़्बात से घुट के रह गई है आवाज़
किस तरह से आँसुओं के फंदे खोले