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इतवार / प्रकाश मनु
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छोड़ो बस्ता और किताबें
हँसकर कहता है इतवार।
लाओ तो क्रिकेट का बल्ला
जरा मचा लूँ मैं भी हल्ला।
या फिर चलो मनाएँ पिकनिक,
ता-ता थैया, धा-धिन, निक-निक
आओ तो, अब रेस लगाएँ,
अव्वल आएँ, मैडल पाएँ!
फिर किस्सों की होगी बात
और चुटकुलों की बरसात।
खुशियों से एक भरा कटोरा,
छलक पड़ा है जिससे प्यार!
ऐसा ही है यह इतवार!