भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इतिहास / मुकेश मानस

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

।। 1 ।।
कैसे लिखें इतिहास
हमारे लोगों का
एक असली इतिहास

कहां हैं तथ्य
कहां हैं दस्तावेज

तथ्य झुठला दिए गए
कर दिए बरबाद दस्तावेज
जैसे बरबाद किए गए
हमारे लोग
स्याह इतिहास के साक्षी
हमारे अपने लोग

हमारे पास बचे हैं
केवल तीन शब्द
जात, ज़हालत और निचला पायदान

इन्हीं तीन शब्दों में निहित है
हमारी समूची कौम का इतिहास
और केवल तीन शब्दों से भी
लिखा जा सकता है
हमारे लोगों का इतिहास

।। 2 ।।
इतिहास
मोहताज नहीं होता
चंद तथ्यों और दस्तावेजों का

सताए गए लोगों की
आहों में होता है
सताए गए लोगों का इतिहास

।। 3 ।।
इतिहास दुहराया नहीं जाता
लिखा जाता है बार-बार
नई दृष्टि
नए तेवर
और नई भाषा में

रचनाकाल:1997