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इनि कै काई मिन तेरी जग्वाळ गैल्या / शिवदयाल 'शैलज'
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इनि कै काई मिन तेरी जग्वाळ गैल्या
कतगै बेर बिराड़ि दे मिन काळ गैल्या
द्वी घड़ी रूकि जा ! बोलिक ह्वैगे लापता
त्यार नौ जपदी बीतिं बारा बग्वाळ गैल्या
सर्रा दुन्या जीति छै मिन सच्च बोलि बोलिकि
तेरी समणि ब्वन्न मां ऐ गाळ-गाळ गैल्या
राति अन्धेराम् लुकैं अपड़ गुनाह जौंना
द्वफराम कन छा वो छाळ-न्याळ गैल्या
यादों मोति गैणा बंणि चमकणा सरग मां
मेरी मरीं राई समोदर फाळ गैल्या
मेरी जिन्दगी ध्येय च त्वै थैं मिलणु ’शैलज’
अब तू अगास मील चा पताळ गैल्या।