भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इन्ने के कह्स्याँ / रूपसिंह राजपुरी
Kavita Kosh से
म्हारा एक गुरूजी,
बड़ा ही महान है।
आजकाल 'अन्न बचाओ',
अभियान कानी ज्यादा ही ध्यान है।
हफतै मैं तीन-चार दिन,
बरत करैं।
बीं दिन बिचारा बरफी, दूध
अर केला स्यूं ही,
आपगौ पेट भरैं।