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इन्सान से कुछ और बन / नाराइन सिंह ‘सुभाग’

जमाना खराब है
अब से याद कर
हम खराब हैं
जलन दुश्मनी
खराबी चंडाली
अलग कर के
झटक पटक के
बाहर बीग
प्रेम भक्ति से
मन के काबू में रख
माया के छोड़
मन से सोच
धीरे-धीरे
सुख शान्ति के घर खोज।