भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इन्सान से कुछ और बन / नाराइन सिंह ‘सुभाग’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जमाना खराब है
अब से याद कर
हम खराब हैं
जलन दुश्मनी
खराबी चंडाली
अलग कर के
झटक पटक के
बाहर बीग
प्रेम भक्ति से
मन के काबू में रख
माया के छोड़
मन से सोच
धीरे-धीरे
सुख शान्ति के घर खोज।