इन घर की मैंड़ी ऊंचे बंके बार / हरियाणवी
इन घर की मैड़ों ऊंचे बंके बार
जम जम सादीसोहिले हम गांवैं मंगलचार
मंगल करै बधावड़ इस रे सुहावने बार
मोतियन चौक पुराय कै सुवरण सतिये देय
रंगमहल तै उतरो सिर सालू चक डोर
हाथ कसीदा रंगला गोद जडूलें पूत
गल सोहै मोतियन की माल
बिछुए तम्हारे बाजने बेटियो घड़े सुघड़ सुनार
बाबुल बीर घड़ाइया तुम पाहिनो मन चित्त लाय
पायल तुम्हारी बाजनी, बहुओं घड़ी सुघड़ सुनार
सारे भाई चौधरी नीके सारे बरकतदार
सारे घरचैं बोरियां तुम्हारी धन्य धन्य हे माय
मखमल जूता पहर के घूमो बागों बीच
या सोवो दरबार में या भाइयों के बीच
तुम्हारे बार लाला नीम झलोरे ले
आंगन तख्त बिछा हुआ तुम्हें बेटों का सुख
जंवाई का सुख, पोते, नाती, भाई भतीजे का सुख
ऊंचे तुम्हारे चौंतरे लाला, ऊंचे तुम्हारे नाम
मोती तुलें तराजुओं तुम्हारे हस्ती घोड़े घूमें बार
बाहें हरी हरी चूड़ियां बहुओ, अचल रहे सुहाग
नाक की बेसर यों लसै, ज्यों तारों में चांद
नौ दरवाजे अगलेनी के चांदी के बड़ किवाड़
पोते बेटे लाडले तेरे खेलें चौपड़ बार