इम्काँ तो बेशुमार थे रस्ता भी साफ़ था / रवि सिन्हा
इम्काँ<ref>सम्भावनाएँ (possibilities)</ref> तो बेशुमार थे रस्ता भी साफ़ था
रहरव<ref>पथिक ( traveller)</ref> को मगर आपका करना तवाफ़<ref>परिक्रमा (circling around)</ref> था
कुहसार<ref>पहाड़ (mountain)</ref> पे झुकी थी सितारों भरी वो रात
जादू था राज़ था कि कोई इन्किशाफ़<ref>खुलासा या ज़ाहिर करना (disclosure)</ref> था
कश्ती वही सफ़र भी वही नाख़ुदा<ref>नाविक (boatman)</ref> वही
लहरों का क्या क़ुसूर समन्दर ख़िलाफ़ था
हर ख़्वाब की सज़ा से मिरा सर लहू-लुहान
तुमको हरेक संग-ए-हक़ीक़त<ref>यथार्थ रूपी पत्थर (stones of reality)</ref> मु'आफ़ था
इस दिल के ज़लज़लों<ref>भूकम्प (earthquake)</ref> की कहानी भी क्या कहें
तहत-ए-शुऊर<ref>अवचेतन (subconscious)</ref> कोई पुराना शिगाफ़<ref>दरार (crack)</ref> था