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इराक के अन्दर अमेरिका न्यूं लाग्या करण तबाही / रामधारी खटकड़

इराक के अन्दर अमेरिका न्यूं लाग्या करण तबाही
बम-मिसाईल बरसण लागे धूमा धार मचाई

थी घणै दिनां तै नजर तेल पै, सब कब्जाणा चाहवै था
सद्दाम तै खतरा दुनिया को, न्यूं सबपै हां भरवावैं था
टोनी ब्लेयर चमचा उसकी गेल्यां नाड़ हिलावै था
खरीद किसे नै बस म्हं करग्या , किसे नै आंख दिखावै था
सारी दुनिया नाट्टै थी पर कोन्या पार बसाई

यू.एन.ओ कै ठोकर मारी, वा भी दरकिनार करी
लाखों पल्टन झौंक-झौंक ओडै आग लाण नै त्यार करी
बिजली-पाणी नष्ट करे सब, जनता न्यूं लाचार करी
बम कलस्टर बरसण लागे, घणी कसूती मार करी
बच्चे, बूढ़े खूब मरे ओडै मरे बाहण और भाई

मुक्ति तुम को दिलवाऊंगा, जनता को बहकाण लग्या
हथियार डाल इब करो स्वागत, कह कै मूछ पिनाण लग्या
इराक भी अपणी इज्जत खातिर जान की बाजी लाण लग्या
जहाज पड़े और टैंक जळे न्यूं उसको मजा चखाण लग्या
धू-धू करकै कुएं जळगे, जळी तेल की खाई

दुश्मन घर म्हं आण बड़ै तो और नहीं कोये चारा
मरण-कटण नै त्यार होए वो देश था जिनको प्यारा
हार-जीत का जिअक्र नहीं सै, कोए जीत्या कोए हारया
रामधारी कह खटकड़िया नू शेरां के गुण गारया
देश दूसरे संभळो ना तै थारी भी स्यामत आई