इराक के खिलाफ जंग के क्यों / रणवीर सिंह दहिया
सरतो सुबह का काम करके चारपाई पर बैठ कर अखबार पढ़ने लगती है। अमरीका को बुश का ऐलान इराक के खिलाफ पढ़ती है तो नफेसिंह की बहोत याद आती है। वह पढ़ती है कि अमरीका का यह दावा कि इराक के खिलाफ जंग आतंकवाद के खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है, सफेद झूठ है। यह प्रचार भी गलत है कि इराक पश्चिमी दुनिया के लिए बड़ा भारी फौजी खतरा है। सच्चाई तो यह है कि अमरीका सभी अमन पसन्द गरीब देशों के लिए खतरा बना हुआ है। वह पूरी दुनिया को धमका रहा है, शेखी खोरी दिखा रहा है और घमण्ड में चूर है। सच तो यह है कि अमरीका के पास दुनिया के सबसे घातक हथियारों का जखीरा है। वह क्या सोचती है भला -
इराक के खिलाफ जंग के क्यों पागल घोड़े छोड़ दिये॥
सद्दाम पै तोहमद लगाकै मुंह तोपां के क्यों मोड़ दिये॥
कब्जा करना इराक के उपर या युद्ध की जड़ मैं दीखै
तेल के बदले खून बहाना मामला गड़बड़ मैं दीखै
बम्बां की अकड़ मैं दीखै गरीब देशां के मुंह फोड़ दिये॥
आज तलक ना देखे सुने इसे हथियार पिना राखै
कहै दो दिनां मैं सीधा कर द्यूं इराक नै पंख फैला राखै
बुश नै ये देश भका राखै कइयां के बांह मरोड़ दिये॥
कहै बुश जो अमरीका चाहवै वो करकै नै दिखावै गा
सद्दाम घणा आण्डी पाकै इसनै सही सबक सिखावैगा
इराक नै धूल चटावैगा ये घाटे नफे सब जोड़ लिये॥
बगदाद तबाह करकै नै लंगोट घुमाया चाहवै सै
दानव आला रूप यौ अपणा छल तै छिपाया चाहवै सै
रणबीर नै दबाया चाहवै सै काढ़ सही निचोड़ लिये॥