इसलिए आज भोर से ही बारिश हो रही है / चन्द्र
कल धरती सूखे से चुपचाप रो रही थी
इसलिए
आज भोर से ही बारिश हो रही है
कल रो रहे थे
मेरे गाँव-गिराँव के श्रमिक किसान भाई भी
इसलिए
आज भोर से ही बारिश हो रही है
इस बारिश से
खेतों में रोपे गए मरिचा बैंगन बाजरे के बीज को
जीने के लिए नया बल मिल रहा है
जीने के लिए नया बल मिल रहा है
कृषकों के कृशकाय देहों में !
इसलिए आज भोर से ही बारिश हो रही है
हो रही है बारिश इसलिए
कि कपिली नदी के बीचो-बीच पानी कम था
बालू-पत्थर-कंकण ज़्यादा थे
और कपिली नदी के आर-पार बसने वाले
चिरई-चुरूँग
वन-जंगल
बांस, वनफूल बहुत प्यासे थे !
कि हो रही है बारिश
इसलिए कि गेहूँ के खेत ख़ाली हो गए हैं
अब खेत में नमी तो चाहिए ही
अब खेत तो जोतना ही है हलों-ट्रैक्टरों से
नई फ़सल रोपने के लिए
कि हो रही है बारिश
इसलिए कि
खेती में
बहे हुए लाल-लाल लहू के
दाग-धब्बे भरे निशानों को
धोना है मल-मल कर
और तैयार हो जाना है फिर
कमर कस कर
कलेजे में असीम साहस, लगन और हिम्मत भरकर
नई खेती में
असीम-असीम लहू-पसीने को
खाद की तरह छींट-छींट कर मिलाने के लिए..!!!