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इस क़दर साद-ओ-पुरकार कहीं देखा है / सौदा
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इस क़दर साद-ओ-पुरकार[1] कहीं देखा है
बेनमूदार[2] इतना नमूदार[3] कहीं देखा है
ख़्वाह[4] काबे में तुझे ख़्वाह मैं बुतख़ाने में
इतना समझूँ हूँ मिरे यार कहीं देखा है
दुख-दहिंद[5] और भी हैं लेक[6] किसी के कोई
दिल-सा भी दर-पए-आज़ार[7] कहीं देखा है
नज़र आती ही नहीं शक्ले-रिहाई[8], मुझ-सा
साइते-बद[9] का गिरफ़्तार कहीं देखा है
फिरे है कूच-ओ-बाज़ार में तू क्यों 'सौदा'
जिंसे-दिल[10] का भी ख़रीदार कहीं देखा है