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इस तरह हमारी शक्ल / शहंशाह आलम

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पैदा होने वाली कोई भी चीज़
एक बार ही पैदा होती है
चाहे वह वृक्ष हो
चाहे वह शब्द हो
चाहे वह चिड़िया हो, चींटी हो
चाहे वह बाघ हो, आदमी हो
चाहे वह ग़ोरकन हो, दर्ज़ी हो
चाहे वह कीड़ा हो
या हो प्रेम


चित्रांकन-हेम ज्योतिका

प्रेम लफ़्ज़ भी एक बार ही पैदा होता है
आख़िरी जंग एक ही बार छेड़ी जाती है
अच्छा विकेट और अच्छा कैच
एक ही बार लिया जाता है
अच्छा संगीत भी बार-बार सुनने को नहीं मिलता
आश्चर्य एक बार ही जन्म लेता है हमारे भीतर
क्रोध भी एक बार ही आता है हमको
अच्छे गणितज्ञ, अच्छे मौसम, अच्छे वैज्ञानिक, अच्छे प्रकाशक
हर दफ़ा पैदा नहीं होते
अच्छी फ़िल्म भी एक बार बन पाती है
हलवाहे की कविता बार-बार लिखी नहीं जाती
किसी का जादू एक बार ही चलता है हम पर
अपनी तरह का दिन गुज़ारना एक बार हाथ लगता है
वाल्दैन हमें एक बार ही मिलते हैं
ख़ूबसूरत अदा बार-बार नहीं हो पाती हमसे
तवील हँसी एक बार ही हँसी जाती है
अच्छा हरीफ़ भी एक बार ही मिलता है

जिस तरह अच्छा हरीफ़ एक बार मिलता है
अच्छी शायरी भी एक बार हो पाती है
उस्ताद शायर, उस्ताद संपादक, उस्ताद तकनीशियन
एक-दो ही हो पाते हैं

हमारे अंदर उमंग भी एक बार ही जनमती है

बारबार-बारबार
पैदा नहीं होती हैं अच्छी चीज़ें
अच्छी प्रजातियाँ
अच्छे इंसान और अच्छे दृश्य

इस तरह हमारी शक्ल भी एक बार ही
बदलती है, और
चमत्कृत होते रहते हैं हम अंत तक.