इस पार-उस पार दीवार के / राजकुमार कुंभज
फूल / मैं / रख आऊंगा
जो भर देंगे चतुर्दिक ताज़ा ख़ुशबू
इस पार / उस पार / दीवार के
इस पार / उस पार / दीवार के
अनुनय-विनय नहीं पहचानते हैं / राजभक्त
किसी एक राजा के / अस्तबल में बंधे
किसी एक राजा की इच्छाओं में / नाचते
दोहराते कि नहीं रहे / जीवित अब /
इस पार / उस पार / दीवार के
बीज / मैं / बो आऊंगा बगावत से भरे
कि काँपेगी / ढहेगी दीवार / एक दिन
देखेंगे / सब / ख़ुशियाँ मनाएंगे प्रजाजन
क्रोधित होंगे राजा
इस पार / उस पार / दीवार के
क्रोधित राजा के हाथों से छूटेंगे / सूत्र सभी
सभी हो जाएंगे चहचहाते पक्षी निर्भय
गाएंगे सुख / लाएंगे बच्चों के लिए / दाना-पानी
दीवार बदल जाएगी / नदी और फसल में
फूल / मैं / रख आऊंगा
जो बरसाएंगे / आत्मा में भरा प्रकाश
इस पार / उस पार / दीवार के
रचनाकाल : 1990