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ईंट / केदारनाथ अग्रवाल

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ईंट
पर ईंट
और
ईंट पर ईंट चढ़ी
और
कई-कई
खंड की-
लम्ब तड़ंग
इमारत
खड़ी हो गई
बौने
और बीमार
हो गए
उसके विधाता
कर्मकार
निर्माता
कारीगर और मेमार

रचनाकाल: ०३-०९-१९७६, बाँदा