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ईमान / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
ईमानदारी से लड़ना
भूल-चुके लोग
शायद
खून उनका जम गया है
यह वो दरिया है
जहां उफान कभी
आता नहीं
किस्सा कहानियों में
तब्दील हुआ
ईमान