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ईश्वर की सर्वोत्तम रचना / राजकिशोर राजन
Kavita Kosh से
कितनी अजीब बात है!
जब उचारा आपने
कि मनुष्य, ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है
तो मुखमण्डल आपका दिपदिपाने लगा
पर जब कहा मैंने
कि ईश्वर, मनुष्य की सर्वोत्तम कल्पना है
तो मुखमण्डल आपका स्याह हो गया
सैकड़ों-हज़ारों साल हुए
आपको अब तक भरोसा नहीं मनुष्य पर
ईश्वर की सर्वोत्तम रचना होने के बाद भी।