ईस्ट इंडिया कम्पनी आई / रणवीर सिंह दहिया
भारत वर्ष मे अंग्रेजां ने एक ईस्ट इंडिया कम्पनी के रूप में व्यापारी बनकर कदम रखे थे। इस प्रकार आहिस्ता-आहिस्ता पूरे भारत पर अंग्रेजों ने कब्जा जमा लिया। दौ सौ साल तक भारत वर्ष पर राज किया। यह दौ सौ साल का इतिहास मानवता के इतिहास पर कालिख लगाने वाला, असमानतापूर्ण लूटों को बचाये रखने वाला था।भारत में अंग्रेजों को स्थापित करने में ईस्ट इन्डिया कम्पनी की बहुत अहम भूमिका रही। एक समय के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी को हटाकर होम गर्वन मैंट की स्थापना कर ली गई थी। ईस्ट इंडिया कम्पनी के बारे में क्या बताया भलाः
ईस्ट इंडिया कम्पनी आई, व्यापारी बणकै छाई
अंग्रेजी अपणे संग मैं ल्याई, दाब्या म्हारा प्यारा हिंदुस्तान॥,
भारत देश के मल-मल ये घणे मशहूर हुया करते
मिरच मसाले भारत के दुनिया भर मैं लिया करते
कारीगरां के गूंठे कटवाये, ढाका जिसे शहर उजड़वाये
मानचैस्टर उभार कै ल्याये, दाब्या म्हारा प्यारा हिंदुस्तान॥
सहज-सहज ये राजे रजवाड़े कम्पनी की दाब मानगे
अंग्रेज काइयां बहोत घणे म्हारे सारे राज जानगे
कम्पनी ने चक्कर चलाया रै, व्यापार गेल्यां राज जमाया रै
चारो कान्ही लगांट घूमाया रै, दाब्या म्हारा प्यारा हिंदुस्तान॥
पढ़े लिखे हुश्यार घणे थे म्हारे उपर राज जमाया फेर
कर कै राज रजवाड़े काबू कम्पनियों नै डंका घुमाया फेर
प्रचार करया सभ्य समाज का, ना बेरा लग्या इनके अन्दाज का
चिड़िया उपर झपटा बाज का, दाब्या म्हारा प्यारा हिंदुस्तान॥,
एक ईस्ट इंडिया कम्पनी पूरे भारत उपर छागी देखो
म्हारी कमजोरी का ठाकै फायदा अपना राज जमागी देखो
मन मानी लूट मचाई फेर, सोने की चिड़िया चिल्लाई फेर
या बंगाल आर्मी बनाई फेर, दाब्या म्हारा प्यारा हिंदुस्तान॥