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ई देश के जबानी चल्लोॅ गेलॉे छै कहाँ / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

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ई देश के जबानी चल्लोॅ गेलॉे छै कहाँ
बर्बादी सें वतन केॅ कोय बचाबै छै कहाँ

आपनोॅ ही देशोॅ में वीरानोॅ होय गेलै सभ्भे
लोर पोछी केॅ हिरदय सें कोय लगाबै छै कहाँ

अब्दुल हमीद, धरती गोविन्दो भी कानै छै
मंदिर केॅ मस्जिदोॅ से कोय जुड़ाबै छै कहाँ

भिड़लोॅ छै कैक लोग यहाँ देश तोड़ै में
माथा सें देश-माँटी कोय लगावै छै कहाँ

आदमी के भीतर के मरी गेलोॅ छै आदमी
आबेॅ आदमी मरै सें कोय बचावै छै कहाँ