Last modified on 18 मई 2014, at 23:52

उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब / ग़ालिब

उग रहा है दर-ओ-दीवार से सबज़ा ग़ालिब
हम बयाबां में हैं और घर में बहार आई है