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उचित बसए मोर / विद्यापति
Kavita Kosh से
उचित बसए मोर मनमथ चोर !
चेरिआ बुढ़िआ करए अगोर !
बारह बरख अवधि कए गेल !
चारि बरख तन्हि गेलाँ भेल !
बास चाहैत होअ पथिकहु लाज !
सासु ननन्द नहि अछए समाज !
सात पाँच घर तन्हि सजि देल !
पिआ देसाँतर आँतर भेल !
पड़ेओस वास जोएनसत भेल !
थाने थाने अवयव सबे गेल !
नुकाबिअ तिमिरक सान्धि !
पड़उसिनि देअए फड़की बान्धि !
मोरा मन हे खनहि खन भाग !
गमन गोपब कत मनमथ जाग !