भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उच्चारण सँ बूझब अर्थ / एस. मनोज
Kavita Kosh से
अंशक माने हिस्सा होय आ अंसक माने होय कंधा
शूरक माने वीर होय आ सूरक माने होय अंधा
पानिक माने जल होय आ पाणिक माने होय अछि हाथ
संघक माने संगठन आ संगक माने होय अछि साथ
कपिशक माने मटमैला आ कपीशक माने छथि हनुमान
अभिज्ञक माने जानैबाला अनभिज्ञक माने होय अनजान
अविलम्बक माने शीघ्र होय आ अवलम्बक माने अछि सहारा
तकुलक माने वंश होय आ कूलक माने होय किनारा
यूतिकें माने मेल होय आ यतिकें माने होय विराम
च्युतक माने गिरल होय आ चूतक माने होय अछि आम
अस्रक माने नोर होय आ अस्त्रक माने होय हथियार
कृपणक माने कंजूस होय आ कृपाणक माने होय तलवार