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उच्च हिमालय-सा अभिमान / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
अडिग हिमालय खड़ा हुआ है
आँधी हो या चाहे तूफान,
सुना रहा नीले अंबर को
भारत की महिमा का गान।
सुनो-सुनो यह बता रहा है
भारत का गौरव-इतिहास,
भारत जिसने दुनिया बदली-
दिया सभी को शुभ्र उजास।
इसकी गोदी में लहराती
गंगा की पावन जलधार,
सिखलाता है, बढ़ो-बढ़ो तुम
जाओ कभी न हिम्मत हार।
आओ, भारत की सुंदरता
के गाएँ हम मिलकर गान,
और देश पर रखें सदा ही
उच्च हिमालय-सा अभिमान!