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उजडैगें घर बीर मर्द की जित आपस मैं तकरार बणी / मेहर सिंह

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जवाब अंजना का

जो पाछे का जिक्र करते उन बंद्यां की हार बणी
उजडैगें घर बीर मर्द की जित आपस मैं तकरार बणी।टेक

दबे हुए मुर्दे दबे रहाण दे क्यूं हटकै फेर उघाडै़
ब्याह होग्या म्हारी एक सलाह मत लाली नै पाड़ै
भीत बराबर कहै बीर नै क्यां पै नकशा झाड़ै
स्याणा होकै खा गलती क्यूं घर की बात बिगाड़ै
बात बतंगड़ बणा दई या मामूली सी कार बणी।

त्रिया हो संतान बेल दखे इस तै बंश चलाया जा
एक से दो-दो से चार न्यू कर कै जगत फलाया जा
या दुनियां हो सै आणी जाणी दो दिन का खेल खिलाया जा
बीर मर्द दुःख सुख के साथी न्यूं करकै मेल मिलाया जा
बिना बीर हो मर्द अधूरा मैं न्यू कर कै तेरी नार बणी।

मर्द छोड़ दे ब्याही नै तै होज्या जी नै रासा
अगड़ पड़ोसी हंसी करते देखैं लोग तमाशा
अपनी ईज्जत आप बिगाड़ै करद्यूं तोड़ खुलासा
बीर मर्द जब लड़ैं आपस मैं देगा कोण दिलासा
इब कै करदे माफ खता फेर रहल्यू ताबेदार बणी।

पूर्व में पीली पाटी ईब दिन लिकड़ण नै होरया सै
कोए फौजी गया जाग नींद तैं एकाधा कोए सौ रह्या सै
कोए तै बड़ग्या मोर्चां में कोए पहाड़ां मैं राह टोहर्या सै
मेहर सिंह ढंग देख देख अपणे कर्मां नै रो रह्या सै
बजग्या बिगुल लड़ाई का ये मुश्किल तै कली चार बणी।