उजर नहीं है आपसे, बेचो या लो मोल ।
हाथ आपके नाव है, बांधो या दो खोल ।।
बांधो या दो खोल पशु हैं आज तुम्हारे ।
जो चाहो सो करो दास महाराज तुम्हारे ।।
गंगादास कहें उजर करें तो गुजर नहीं है ।
बेचो सरे बाजार हमारे उजर नहीं है ।।
उजर नहीं है आपसे, बेचो या लो मोल ।
हाथ आपके नाव है, बांधो या दो खोल ।।
बांधो या दो खोल पशु हैं आज तुम्हारे ।
जो चाहो सो करो दास महाराज तुम्हारे ।।
गंगादास कहें उजर करें तो गुजर नहीं है ।
बेचो सरे बाजार हमारे उजर नहीं है ।।