Last modified on 2 अगस्त 2010, at 02:35

उजर नहीं है आपसे, बेचो या लो मोल / गंगादास

उजर नहीं है आपसे, बेचो या लो मोल ।
हाथ आपके नाव है, बांधो या दो खोल ।।

बांधो या दो खोल पशु हैं आज तुम्हारे ।
जो चाहो सो करो दास महाराज तुम्हारे ।।

गंगादास कहें उजर करें तो गुजर नहीं है ।
बेचो सरे बाजार हमारे उजर नहीं है ।।