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उजली छाया / लैंग्स्टन ह्यूज़
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इस पृथ्वी पर
एक ऐसी रात मैं खोज रहा हूँ
जिस पर नहीं पड़े कहीं भी
गोरों की उजली छाया
पर हमारे काले भाइयो!
ऐसी कोई रात
कहीं है ही नहीं
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : राम कृष्ण पाण्डेय