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उजाले का तालमेल / विजय चोरमारे / टीकम शेखावत
Kavita Kosh से
भीतर का उजाला
कम होने पर
साफ़ दिखता है बाहर का उजाला
बाहर का उजाला
तेज़ होने पर
घना होने लगता है भीतर अन्धेरा
भीतर से बाहर का
बाहर से भीतर का
दिखना चाहिए तेज़ उजाला
कैसे साधा जाए
दोनों ही ओर के
उजाले का तालमेल?
मूल मराठी से अनुवाद — टीकम शेखावत