अकाल और उपद्रव के समय गाने को
उठहु उठहु प्रभु! त्रिभुवन-राई ।
कठिन काल में होहु सहाई ।
देहु हमहिं अवलंबन भारी ।
अभय हाथ मम सीस फिराओ ।
मुरझी भुव पर सुख बरसाओ ।
पिता बिपत्ति सों हमहिं बचाओ ।
आइ सरन तुव रहे पुकारी ।
अकाल और उपद्रव के समय गाने को
उठहु उठहु प्रभु! त्रिभुवन-राई ।
कठिन काल में होहु सहाई ।
देहु हमहिं अवलंबन भारी ।
अभय हाथ मम सीस फिराओ ।
मुरझी भुव पर सुख बरसाओ ।
पिता बिपत्ति सों हमहिं बचाओ ।
आइ सरन तुव रहे पुकारी ।