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उठो जलपरी / माधवी शर्मा गुलेरी
Kavita Kosh से
उठो जलपरी
डर है
बन न जाओ
तुम प्रस्तर
एक दिन !
उठो जलपरी
डर है
हो न जाओ
तुम भग्न
एक दिन !
उठो जलपरी
डर है
मिल न जाओ
तुम रेत में
एक दिन !
उठो जलपरी
चलो
हो जाएँ हम
सदा के लिए
जलमग्न !