हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
उठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे
बटणे की खसबोई तेल चढावांगे
ऊठ ले रूप मोड़ बंधाले नै
रोसन छोरी गैल ब्याह करवाले नै
फेरे होलिये, विदा होली, बैठली डोले मैं
घर का सुणा दे हाल रोसन छोरी नैं
अस्सी बीघै धरती तेरे ब्याह मैं गैणा धरदी
ऊठ ले रे ऊठ ले रोसन बांन बठावांगे
बटने की खसबोई तेल चढावांगे