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उतनी ही जगह में / कंस्तांतिन कवाफ़ी

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मकानों, कहवाघरों और पास-पड़ोस का परिवेश
जिसे मैंने देखा और
          सालों-साल
          जिससे होकर गुज़रा :

मैंने तुम्हें सिरजा अपनी ख़ुशी
          अपनी उदासी के दौरान
बहुत सारी घटनाओं से
          बहुत-से ब्योरों से

और अब तुम-सब
मेरे लिए अनुभूति में बदल गए हो ।
 
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल