उतरोॅ पार / कनक लाल चौधरी ‘कणीक’
यै नद्दी के येहे बेभार
खोलोॅ लङगोटी उतरोॅ पार
बाली के डरोॅ सें सुग्रीव परैलै, हनुमंत किरपा सें रामजी धरैलै
दोन्हूं में फेनू करबैलकै भिड़न्त, बाली के मुक्का सें सुझेॅ लागलै अन्त
भागलोॅ सुग्रीवोॅ केॅ देलकै भिड़ाय, चिन्है लेली देलकै माला पिन्हाय
रामें मारलकै चोराय केॅ बाण, सुग्रीभैं हरबैलकै बाली रोॅ प्राण,
केकसी के जनमल रावण-विभीषण, कोय करेॅ राजपाट कोय हरिकीर्तन
लात-घुस्सा खाय जबेॅ रामजी सें सटलै तभैं नानी के अमृतो फटलै
रामोॅ के हाथोॅ सें गेलै मराय मरवाय केॅ कानै विभीषण भाय
दुनियाँ के अैसने छै कारोबार।।खेलो.।।
क्रीड़ा कही-कही जुआ खेलैलकै, युद्धिष्ठिरें नें सबकुछ गमैलकै
राजोॅ त्यागलकै, बनबासोॅ पैलकै, दाबोॅ में आखिर में पत्नी हारलकै
झोखरी पकड़ने अैलै दुस्सासन, सभा में द्रौपदीं कैलकै क्रन्दन
भीष्मोॅ द्रोणोॅ आरो किरपा अछैतें, सभां देखलकै नाङटोॅ करतें
कोइयो नें द्रौपदी इज्जत बचैलकै, टुकुर-टुकुर खाली मोंहें ताकलकै
कृष्णोॅ किरपा सें नुङा ठो बढ़लै, दश-दश हाथी के बलोॅ अकड़लै
हारी दुःस्सासन गेलै औनाय, गुज-गुज ताकै दुयौधन भांय
अनदेखी होय छै अवला पुकार।।खोलो.।।
विनु बिहैनें मंतर चलैलकी, सूरूज-गोसँय सें बेटभौ ठो पैलकी
लाजॉे सें कुन्ती गंगा वहैलक, अधिरथ ने छाँकी केॅ ओकरा पोसलक
रश्मिरथी कही कौरवोॅ में मिललै, कूब्बत देखी केॅ पाण्डवो डरलै
वाभन के भेष धरि इन्दरें मांगलकै कुंडल-कवच दोनोॅ दानोॅ में पैलकै
कुन्ती के चुप्पीं ने देलकै कराय, अर्जुनें मारी देलकै आपने ठो भाय
गीता पढ़ोॅ आकि देखोॅ रामलिल्ला, सगठो पैभौ तोहें एक्के रङ खेला
आपन्है के वैरी बनै छै आपनोॅ भाय, मिली जाय छै तुरते बैरी सङग जाय
पृत्थी राजोॅ के राजो छिनैलकै, जयचन्दें गोरी सें हथभौ मिलैलकै
मुगलोॅ के रजबा केॅ जौनें रोपैलकै, वहीं अंगरेजभौॅ केॅ लानी सटैलकै
आपन्हैं में बनी जाय छै-जबेॅ गद्दार।।खोलो.।।
जौनें अंगरेजवा के सथ निभैलकै, चुनि-चुनी देश-भक्त जौने फसैलकै
आय वहीं सेनानी के पेन्सन उठाय छै, नेतबा बनी केॅ देशभौं चलाय छै
राती कुकर्मोॅ क चद्दर ओढ़ै छै, दीनेॅ सुकर्मोॅ के बतिया गढ़ै छै
देरी नैं करै छै पल्ला बदलतें, सत्ता में पहुंचै छै आँखी के मलतें
भ्रष्टाचारों केॅ बात्हैं भगाय छै, कैनखी सें सदाचार रस्थौ बताय छै
ओखरै जिम्मां अेखनी राजनीति अस्त्र, जाती भाषा आरो धर्मोॅ के सस्त्र
ओकरा सें बेसी नैं कोइयो होशियार।।खोलो.।।
बाघ नैं देखलां-देखलां बिलाय, नाम्हैं के खाली कहाबै सी.बी.आय.
जेकरा-जेकरा पर मोकदमा करै छै, बड़का सजाय बाला धाड़हौॅ धरै छै
सभ्भे ठो केसबा तेॅ होय जाय छै फेल, तइयो मोकदमा के रेलम-पेल
एकदाफी फेल भेलै केसवा हवाला, एक्को खबैय्या के नैं मुंह काला
एक्खैं हबाला के बतिया गछलकै, जैन बन्धु सें कत्तेॅ मिलि-जुली खैलकै
लाखोॅ-करोड़ोॅ लै सभ्भे अघैलै, तइयो मोकदमा में कुछुवो नैं भेलै
जौनें हबाला के बतिया उठैलकै, ब्यूरो नें ओकर्हैं में दोषभौॅ गिनैलकै
खाय बाला कोइयो आरो केखरौॅ सजाय, अलवत छौं करनी तोरोॅ सी.बी.आय.
तारोॅ महीनमा छौं अपरंमार।।खोलो.।।
सूरज औ शिब्बू केॅ जौनें पटासलै, हर्षद के पैसबा केॅ जौनें गटासलै
लै लै कमीसन घरबा भरैलकै, आपने ठो गोटी केॅ लालो करलकै
ओत्तेॅ खैल्हौ पर नैं भेलै ढकार, ब्यूरो के मिललै नैं ओकरो लगार
उल्टे दिशा में डेगबा बढ़ाय केॅ बूट्है नरसिम्हा पेॅ नजरा गथाय केॅ
ओकरा तस्वीरवा पे नजरे नैं गेलै, जंचबा के घेरबा में नैं हौ समैलै
लाखों-करोड़ों में तखनी हौ खेललै, बैंकोॅ विदेशवां में पैसभौ भी ठेललै
हर्षद औ पाठक तेॅ मरी-मरी गेलै, तइयो नैं केश्वा में कांहूं कुछु भेलै
तीस-तीस लाखोंॅ केॅ खाय-खाय अकड़ै, घुरी-घुरी ब्यूरों नरसिम्हैॅ केॅ पकड़ै
चोरबा केॅ बेल, आरो साधोॅ केॅ जेल, अलवत्त देखावै कानूनोॅ रोॅ खेल
नैं छै एकरोॅ कन्हौ कोइयो बिचार।।खोलो.।।
चारा ठो खाय-खाय लोगबा मोटाय छै, ओखर्हौ पीछूं लागले सी.बी.आय. छै
कत्ते दाफी केसवा में केखर्हौ फंसाय छै, लागले जमानती पेॅ घुरी-घुरी आय छै
लाखों देखावोॅ सैन्डल औ साड़ी, मारी केॅ छापा सौंसे ठो बाड़ी
जमीन घोटाला कि आरो कोय घपला, जबेॅ जेल भेजभौ तोहें कोनोॅ अबला
ठिठुवा देखाय तुरत जेल्है सें निकलथौं, दूना उत्साहोॅ सें सत्ता में घुसथौं
कन्हौं सें जबेॅ कोनोॅ आबै बलाय छै, सगरो से सभ्भैं हँकावै सी.बी.आय. छै
सभ्भै के असरा छै ओकर्है पे भारी, बांकी सभ्भै जाँचोॅ के बूझै लचारी
दंगा-फसाद हुवेॅ आकि घोटाला ब्यूरो के जाँचोॅ लेली सभ्भै करेॅ हल्ला
होनी तेॅ कुछुवोॅ नैं, तइयो परचार छै-डगमग रङ देशोॅ के वेहे पतवार छै
ओकरा सें बेसी नैं केकरो पुछार।।खोलो.।।
किरकेटी खेलवा मंे घपला निकललै, तहलका टेपवा सें बातोॅ भी बनलै
प्रभाकरोॅ के होलै इझार, सभ्भैं बुझलकै केना होलै हार
घपल्है बताय वाला फेरबा में पड़लै, जंचबा के डोरिया ओकर्है पेॅ कसलै
कपिलोॅ के ऊपर खरांचोॅ नैं अैलै, अजहर-जडेजा पे कानून कसैलै
दोसरो ठो टपवा में सभ्भैं देखलकै, घुसबा के साथें बंगारू केॅ पैलकै
जौजोॅ औ जाया के नम्मा भी जुटलै, रच्छा विभागी केॅ भंड्हौ भी फुटलै
जाया ने पैन्हें तेॅ बतभै नैं मानै, बादोॅ में गछी केॅ पाटिहै के सानै
आपनोॅ-आपनोॅ पोॅद लै केॅ सभ्भे ठो हटलै, अटलोॅ कृपा सें जौर्जो फेनू सटलै
अंखिया के देखवोॅ केॅ झुट्ठे बताय केॅ टेपबा तहलका केॅ फर्जी गिनाय केॅ
जौजोॅ के फेनू मिनिस्ट्र में ढूकथैं, आपनोॅ सफाई के बतवा ठो गड़थै
बंगारू ढूकै लेॅ अनपट चिकरलैॅ, मुंहदेखी बात कही खुब्बे उछललै
सभ्भै विपक्षी ने करलक कचार।।खोलो.।।
देखल्हौ पे कोय केना केकर्हौ बतैतै? मोहोॅ के खोलथैं कानूनें सतैतै
तहलका बाला कॅे तेॅ लागलै आघात सत्ता-गुमानी में होलै कभात
जानोॅ बचाना मुश्किले देखाय छै, दुनिहैं सें उठभै के करै ऊपाय छै
दुनियाँ देखलकै तहलका के टेपबा, रच्छा के नामोॅ पे चलै केना घुसबा
आपनोॅ गरदनमा ठो फंसतेॅ देखी केॅ, पाटी करतूतोॅ पेॅ हंसते देखी केॅ
फुसकोरबा बात कही देश भरमाय छै, जाँचै ले बतिया कमीशन धराय छै
अेन्हों कुछाया में देशवा समैलै, नीकोॅ अदलाहा केॅ लोगबा भुलैलै
कोय जों इमानोॅ के बतिया कहै छै, सभ्भै के जोंर-जुलुम वहीं सहै छै
रस्ता पेॅ कोय घटना घटबोॅ देखै छै मुड़िया घुमैने तुरन्ते टसकै छै
केना केॅ कोय बात कानून लग बोलतै? कानूनें सतैतै वें मूं जबेॅ खोलतै
जुल्मी कही केॅ पड़तै ओकरा मार
बापोॅ केॅ टीक नैं, बेटा केॅ झोॅटोॅ उजरा खाय-खाय लागै छै मोटोॅ
बेटा के चलतें बापो तबाह छै, नेता कुकर्मों के देशोॅ गवाह छै
दून्हू करै छै खुब्बे मनमानी, बापो औ देशोॅ के हवै छै हानी
बापोॅ के सल्हा नैं बेटां सुनै छै, देशबा भलाई नैं नेतां गुनै छै
जित्ता में बेटबाँ अजुर्दे बताय छै, मरला पेॅ बड़का फकदोले सजाय छै
जित्ता पेॅ दाना नै, मरला पेॅ भोज, धरतीं पेॅ अेकरे तितम्मा रोजे-रोज
बाढ़ोॅ अकालोॅ में रिलीफ बटाय छै, पैहलोॅ कमीसन ठो नेतां उघाय छै
सांसदोॅ के बात आकि एम.ले. के कोटा, कम्मा करवाय के कमीसन ठो मोटा
चारो तरफें खाली घूंसे बाजार छै, जनता जनार्दन एकदम्हैं लचार छै
एक्के ठो बतिया छै कहै के सार,
हिम्मत जों छौं तेॅ करोॅ तकरार
नैं देथौं साथ कोइयो भांय आरो यार
खोलोॅ लङगोटी उतरोॅ पार