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उत्तराखंड में बरसल एतना पानी / सिलसिला / रणजीत दुधु
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उत्तराखंड में बरसल एतना पानी
मटियामेट होल पहाड़ी जिंदगानी
न´ कोय सोंचलक हल ऐसन होवत
हँसते खेलते जिनगी पल में खोवत
पहाड़ के मिटइलक पहाड़ के पानी
उत्तराखंड में बरसल एतना पानी
पहाड़ से निकलल एतना नया धारा
नदिया छोड़ चलल पहिलउका किनारा
न´ रहलय कजइ गाँव घर के निशानी
उत्तराखंड में बरसल एतना पानी
आँख के सामने बहल जे हल अपना
टूट गेलय कतना आदमी के सपना
आँख के लोर सुखल न´ मुख में वाणी
उत्तराखंड में बरसल एतना पानी
भरोसा हल तोरा पर केदारनाथ
सबके छोड़ देता है जइसे अनाथ
काहे न´ खोलला नेत्र औघड़दानी
उत्तराखंड में बरसल एतना पानी
जब जब होल परकिरती से छेड़छाड़
होवे पड़लइ ओकर कोप के शिकार
परकिरतीये पर जीवन के कहानी
उत्तराखंड में बरसल एतना पानी
मटियामेट होल पहाड़ी जिंदगानी