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उदास क्लास / सौरभ
Kavita Kosh से
					
										
					
					भाई! क्या लग रही है आज
हाँ भई तुम्हीं से पूछ रहा हूँ
क्या लग रही है आज क्लास
बैंड की धुनों पर थिरकते विद्यार्थी
क्या लगाएंगे आज क्लास
क्या आ रहे हैं प्रोफेसर साहब
या वह भी मूड में है आज छुट्टी के
लगते नारों, जोशीले भाषणों के बीच
क्या लग पाएगी आज क्लास
या हमेशा की तरह चली जाएगी
	उदास अकेली
जश्न के बीच राह बनाती
बाट जोहते 
बेचारे क्लास रूम को छोड़।
	
	