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उनके लिए / सुरेन्द्र रघुवंशी
Kavita Kosh से
मुझे इस तरह
अचानक नहीं कूदना चाहिए था
भावनाओं की बहती नदी में
वहाँ कुछ देर बाद ही चूक गई
हाथ-पैर हिलाकर तैर सकने की ताक़त
आँखों के दृश्य के दायरे में
चौतरफ़ा विस्तृत और अथाह
जलराशि का समतल दर्पण था
जिसमें सिर्फ़ मौत का मुँह दिखता रहा
उनके वचनानुसार
मेरी रक्षा के लिए
वहाँ कोई नाव नहीं चल रही थी समानान्तर
और न ही गोताखोर थे मेरे लिए
यह एक भयानक सच है
कि व्यूह रचना की सारी परिस्थितियाँ
मेरे डूब जाने की प्रतीक्षा में थीं
और किसी तरह
मेरे बच पाने का समाचार
उनके लिए
दुःखद और आश्चर्यजनक था