भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उनपर ही जीवन न्योछावर / तोरनदेवी 'लली'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उनपर ही जीवन न्योछावर, जिनका उज्ज्वल पुण्य-प्रताप।
जिन्हें न बेध सका जगती का दुःख, शोक, दारुण संताप॥
जिनकी बाट जोहती आशा, जिनसे शंकित होात पाप।
जिनके चरणों पर श्रद्ध से, नत मस्तक हो जाता आप॥
उनकी ही सेवा में मेरा, यह संदेश सुना देना-
यदि जाने पाऊँ तो उनके, चरणों तक पहुँचा देना॥