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उनसे कहने की बात / रामगोपाल 'रुद्र'
Kavita Kosh से
उनसे कहने की बात कही न गई;
हिम में आई बरसात सही न गई!
होंठों ने हिल-हिलके कोशिश तो की;
पर, मुँह तक आई बात कही न गई!
फूलों के दिन तो पलकों झेल गया;
पर, आँखों-फूली रात सही न गई!
क्या बात नहीं बदली, न गई दिल से?
बेसुध रहने की बात, यही न गई!