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उन्नति / रतन सिंह ढिल्लों
Kavita Kosh से
हम उन्नति कर रहे हैं
कचरे में,
खाने के लिए कोई चीज़ ढूँढ़ती
अबोध बच्ची को
सुपर कम्प्यूटर की
मदद लेने को कह रहे हैं ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला