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उन्हें सब पता है / राजेश कमल
Kavita Kosh से
इससे पहले कि बोलूँ
मेरी आवाज़ गूँजने लगती है
इससे पहले कि मेरी तस्वीर उतारी जाए
लग जाती है वह शहर के होर्डिंग्स में
इससे पहले की उतारूँ एक निराश चेहरा
एक खिलखिलाता चेहरा दौड़ने लगता है
इससे पहले कि पहनूँ अपना पसंदीदा कुर्ता पजामा
कोई चीख़ता है टीवी पर
उन्हें मेरी राय का पता है
मेरी इच्छा पता है
मेरे विचार मालूम हैं
ऐसे ही थोड़े किया गया है ख़ामोश मुझे
उन्हें सब पता है