रोके
जाने से कोई रुक जाए यह
ज़रूरी नहीं
जीते
जी नहीं तो मर कर बढ़ आते हैं
जिनको
लक्ष्य तक पहुँचना है
जब
लक्ष्य ही जीवन
तो
जीना क्या और क्या मरना
उन कमरों को देख आओ
जिनमें
तुम्हें रहना है
जो
रोकते हैं उनसे भी दुआ-सलाम
कर आओ
वह
भी जानते हैं कि तुम रुकोगे
नहीं