आइ हमर पतरामे उचरल जतरा सगुन ललाम
बन्धु! अपन भारत दर्शन हित चलबे चारू धाम।।1।।
जतरा करब जनकपुरसँ पुजि पशुपति हिम-तट जाय
कपिलेश्वरसँ सिंहेश्वर धरि फुल - बेलपात चढ़ाय।।2।।
मगध अवध वैशाली, टोल - पड़ोसक संग समाज
पूजा साजी साजि चलब, हिल-मिलि स्तुति गबइत आज।।3।।