रामपति रसिया का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें
उपरा डिबल बाटे बाज, नाज मति कर.. छोड़.. चिरई
कबले छिपल अपने खोतवा में रहबू
केकरा से मनवां के दुखवा के कहबू
छुटि जाई धरती के राज, नाज मति कर.. छोड़.. चिरई ।
रामपति रसिया का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें
उपरा डिबल बाटे बाज, नाज मति कर.. छोड़.. चिरई
कबले छिपल अपने खोतवा में रहबू
केकरा से मनवां के दुखवा के कहबू
छुटि जाई धरती के राज, नाज मति कर.. छोड़.. चिरई ।