Last modified on 15 दिसम्बर 2022, at 12:58

उम्र बेशक मुझे थोड़ी कम चाहिए / डी .एम. मिश्र

उम्र बेशक मुझे थोड़ी कम चाहिए
आग पीकर पचाने को दम चाहिए

बांट दूं मैं खुशी, सुख सभी के लिए
और अपने लिए थोड़े ग़म चाहिए

मेरे अरमान की पौध सूखे नहीं
इतने आंसू मुझे कम से कम चाहिए

दीन दुखियों के हक़ में चले जो सदा
ऐ खुदा , एक ऐसा क़लम चाहिए

डर है एहसान से दब न जाऊं कहीं
मुझको अपनों से केवल रहम चाहिए

याद मुझको खुदाई की आती रहे
कुछ सज़ा चाहिए, कुछ सितम चाहिए