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उम्‍मीदें ही तो कारण हैं आँसुओं का / यून्‍ना मोरित्‍स

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उम्‍मीदें ही तो कारण हैं इन आँसुओं का ।
हट जाओ आगे से, ओ अनाड़ियों के दिल !
कवि नहीं रोया होता इस तरह कभी
यदि रही न होती उसे उम्‍मीदें ।

गीले होंठों और पलकों वाला
वह हैं नहीं नायक सम्वेदनशील,
पर वह पैदा होता है तब
जब भरपूर होती हैं उम्‍मीदें ।

जब भरपूर होती हैं उम्‍मीदें
इस संसार में जन्‍म लेता है कवि,
उसकी नियति में न होता जीना
यदि बची न हों शेष उम्‍मीदें ।

दूसरों की अपेक्षा उसे अधिक
उपलब्‍ध रहती है उम्‍मीदों की रोशनी ।
ओ मस्‍कवा ! विश्‍वास कर उसके आँसुओं पर
भले ही तुम्‍हें होता नहीं स्‍वयं किसी पर ।

विश्‍वास कर तू, ओ मस्‍कवा ! उसके आँसुओं पर
उसका रोना ख़राब कपड़ों के कारण नहीं ।
वह रो रहा है यानी उसमें ज़िन्दा हैं
उम्‍मीदों के बिना न जीने की उम्‍मीदें ।