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उलझन /गुलज़ार
Kavita Kosh से
एक पशेमानी रहती है
उलझन और गिरानी भी...
आओ फिर से लड़कर देंखें
शायद इससे बेहतर कोई
और सबब मिल जाए हमको
फिर से अलग हो जाने का !!