भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उसका मन / विष्णुचन्द्र शर्मा
Kavita Kosh से
स्कॉटलैंड की वह युवती अब
कानों से गीत नहीं पी रही है
उसकी भूरी लटें चश्में के इधर-उधर झूम रही हैं
और वह ‘व्हाइट टाइगर’ पढ़ रही है!
मैं उपन्यास के कथानक में
खोज रहा हूँ उसका मन!