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उसकी चर्चा हर बार न करते / प्राण शर्मा
Kavita Kosh से
उसकी चर्चा हर बार न करते, अच्छा था
ज़ाहिर अपना उपकार न करते, अच्छा था।
खुदगर्जी की हद होती है मेरे प्यारे
अपने से ही तुम प्यार न करते, अच्छा था।
चलने से पहले सोचना था कुछ तो प्यारे
रस्ते में हाहाकार न करते, अच्छा था।
वो चुप था तो चुप ही रहने देते उसको
पागल कुत्ते पर वार न करते, अच्छा था।
अपनों से ही सब रिश्ते-नाते हैं प्यारे
अपनों में कारोबार न करते, अच्छा था।
खुद तो बीमार हुए ही तुम पर मुझको भी
अपनी जिद से बीमार न करते, अच्छा था।
ए `प्राण` भले ही मिलते तुम सबसे खुलकर
लेकिन सबका एतबार न करते, अच्छा था।